कोलोरेक्टल कैंसर बृहदान्त्र या मलाशय में कोशिकाओं में शुरू होता है। यह अमेरिका में कैंसर से होने वाली मौतों के मुख्य कारणों में से एक है। किन्तु जब इसका पता जल्दी चल जाता है और उपचार किया जाता है तो पूरी तरह से ठीक होने की संभावना बहुत अच्छी होती है। इसका तभी पता लगाया जाना आवश्यक है जब यह अभी भी छोटा हो और फैला नहीं हो। यह कैंसर शायद ही कभी अपने शुरुआती चरणों में लक्षणों का कारण बनता है। इसी वजह से इसकी स्क्रीनिंग आवश्यक है। इसका अर्थ है कि आपको लक्षण होने से पहले असामान्य वृद्धि को तलाश करना। यदि आपको इस कैंसर के जोखिम कारक हैं तो स्क्रीनिंग और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
स्क्रीनिंग परीक्षणों के प्रकार
कोलोरेक्टल कैंसर स्क्रीनिंग परीक्षणों के सबसे सामान्य प्रकार नीचे दिए गए हैं। आपकी कितनी बार स्क्रीनिंग की जानी चाहिए यह आपके जोखिम और आपके और आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा चुने गए परीक्षण पर निर्भर करता है। यदि आपका कोलन कैंसर का पारिवारिक इतिहास है या आप अन्य कारणों से उच्च जोखिम पर हैं तो आपको सामान्य समय से पूर्व या अधिक बार जाँच कराने की आवश्यकता हो सकती है।
मल परीक्षण
फेकल ओकल्ट रक्त परीक्षण (FOBT) या फेकल इम्यूनोकेमिकल परीक्षण (FIT) (हर वर्ष)
इन परीक्षणों में मल में रक्त की जाँच की जाती है जिसे आप नहीं देख सकते/ती हैं। इसे प्रच्छन्न या गुह्य रक्त कहते हैं। प्रच्छन्न रक्त कोलन पॉलिप्स या कैंसर का संकेत हो सकता है। मल का एक छोटा सा नमूना प्रयोगशाला में भेजा जाता है जहाँ रक्त के लिए इसका परीक्षण किया जाता है। प्रायः, आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा आपको दी जाने वाली किट का उपयोग करके आप इस नमूने को घर पर एकत्र करते/ती हैं। सुनिश्चित करें कि आप जानते/ती हैं कि क्या करना है और निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करते/ती हैं। उदाहरण के लिए, इस परीक्षण के लिए मल एकत्र करने से पहले आपको कुछ खाद्य पदार्थ नहीं खाने और कुछ दवाएँ नहीं लेने की आवश्यकता हो सकती है। यदि आपका FOBT या FIT असामान्य है तो आपकी संभवतः कोलोनोस्कोपी किए जाने की आवश्यकता होगी।
स्टूल DNA टेस्ट (हर 1 से 3 साल में)
यह परीक्षण आपके मल में उन कोशिकाओं को तलाश करता है जिनमें असामान्य DNA होता है। ये DNA परिवर्तन कैंसर या पॉलिप्स के संकेत हो सकते हैं। इस परीक्षण में भी मल में छिपे हुए रक्त का पता लगाया जाता है। इस परीक्षण के लिए, आप एक समस्त मल त्याग को एकत्र करते/ती हैं। इसे एक कंटेनर का उपयोग करके किया जाता है जिसे शौचालय में रखा जाता है। किट में अपने मल को कैसे इकट्ठा करें, तैयार करें और भेजें इस बारे में निर्देश दिए गए होते हैं। इसे परीक्षण के लिए किसी प्रयोगशाला में भेजा जाता है। यदि आपके मल DNA का परिणाम असामान्य है तो आपकी संभवतः कोलोनोस्कोपी किए जाने की आवश्यकता होगी।
विज़ुअल जाँच
कोलोनोस्कोपी (हर 10 साल में)
यह परीक्षण आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को आपके बृहदान्त्र या मलाशय में पॉलिप्स का पता लगाने और उन्हें निकालने की सुविधा देता है। यही एकमात्र ऐसा स्क्रीनिंग परीक्षण है जो आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को आपके पूरे बृहदान्त्र और मलाशय को देखने देता है। यह परीक्षण आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को ऊतक के किन्हीं भी ऐसे टुकड़ों को निकालने देता है जिन्हें कैंसर के लिए जाँचने की आवश्यकता होती है।
परीक्षण से एक या 2 दिन पहले, आप आँत्र की तैयारी करेंगे/गी। आँत्र की तैयारी में आपके बृहदान्त्र को साफ किया जाता है। ऐसा इसलिए है ताकि परीक्षण के दौरान अस्तर को देखा जा सके। तैयारी कैसे की जानी है इस बारे में आपको निर्देश दिए जाएँगे। इसमें तरल आहार शामिल होगा। फिर आप किसी तेज़ रेचक विलयन (लैक्सेटिव सॉल्युशन) या एनीमा का उपयोग करेंगे/गी।
परीक्षण से ठीक पहले, आपको उनींदा बनाने के लिए आपको दवा दी जाती है। फिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एक लंबी, लचीली, रोशनी वाली ट्यूब (कोलोनोस्कोप) धीरे से आपके मलाशय में डालता है। स्कोप आपके पूरे बृहदान्त्र में गाइड किया जाता है। प्रदाता एक वीडियो स्क्रीन पर आपके बृहदान्त्र के अंदर की छवियों को देखता है। देखे गये किन्हीं भी पॉलिप्स को हटा दिया जाता है। उन्हें परीक्षण के लिए किसी प्रयोगशाला में भेजा जाता है। यदि किसी पॉलिप को हटाया नहीं जा सकता है तो इसके एक छोटे से टुकड़े को परीक्षण के लिए बाहर निकाला जाता है। यदि परीक्षण दर्शाते हैं कि यह कैंसर हो सकता है तो पॉलिप को बाद में सर्जरी के दौरान हटाया जा सकता है।
फ्लेक्सिबल सिग्मॉयडोस्कोपी (हर 5 साल में)
यह परीक्षण काफी कुछ कोलोनोस्कोपी के जैसा होता है। किन्तु यह केवल सिग्मॉइड बृहदांत्र और मलाशय पर ही किया जाता है। सिग्मॉयड बृहदान्त्र अंतिम लगभग 2 फीट या वह है जो आपके मलाशय से जुड़ता है। पूरा बृहदांत्र लगभग 5 फीट लंबा होता है।
परीक्षण से एक या 2 दिन पहले, आप आँत्र की तैयारी करेंगे/गी। आँत्र की तैयारी में आपके बृहदान्त्र को साफ किया जाता है। ऐसा इसलिए है ताकि परीक्षण के दौरान अस्तर को देखा जा सके। तैयारी कैसे की जानी है इस बारे में आपको निर्देश दिए जाएँगे। इसमें तरल आहार शामिल होगा। फिर आप किसी तेज़ रेचक विलयन (लैक्सेटिव सॉल्युशन) या एनीमा का उपयोग करेंगे/गी।
परीक्षण के दौरान आप जागे रहते/जागी रहती हैं। किन्तु विश्राम करने या सोने में आपकी सहायता करने के लिए आपको दवा दी जा सकती है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एक पतली, लचीली, रोशनी वाली ट्यूब (सिग्मॉयडोस्कोप) आपके मलाशय और निचली बृहदान्त्र में गाइड करता है। छवियों को एक वीडियो स्क्रीन पर दिखाया जाता है। पॉलिप्स को हटाया जा सकता है। उन्हें परीक्षण के लिए किसी प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
एक अन्य विकल्प हर एक वर्ष में एक FIT मल परीक्षण के साथ हर 10 वर्ष में फ्लेक्सिबल सिग्मॉयडोस्कोपी है। अधिक जानकारी के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें।
वर्चुअल कोलोनोस्कोपी (हर 5 साल में)
इस परीक्षण को CT कोलोनोस्कोपी भी कहा जाता है। इसमें एक्स-रे की एक श्रृंखला का उपयोग किया जाता है। वे आपकी बृहदांत्र और मलाशय की एक 3-D छवि बना सकते हैं।
परीक्षण से एक या 2 दिन पहले, आप आँत्र की तैयारी करेंगे/गी। आँत्र की तैयारी में आपके बृहदान्त्र को साफ किया जाता है। ऐसा इसलिए है ताकि परीक्षण के दौरान अस्तर को देखा जा सके। तैयारी कैसे की जानी है इस बारे में आपको निर्देश दिए जाएँगे। इसमें तरल आहार शामिल होगा। फिर आप किसी तेज़ रेचक विलयन (लैक्सेटिव सॉल्युशन) या एनीमा का उपयोग करेंगे/गी।
परीक्षण के दौरान, आप एक सँकरी मेज पर लेटेंगे/गी जो कि एक एक्स-रे मशीन का हिस्सा है जिसे CT स्कैनर कहा जाता है। आपके मलाशय में एक नरम, छोटी सी ट्यूब डाली जाएगी। यह आपके बृहदान्त्र और मलाशय को हवा से भर देगी। टेबल CT स्कैनर में सरक जाएगी। एक्स-रे की एक श्रृंखला ली जाएगी। एक कंप्यूटर में इन्हें संयोजित करके एक 3-D छवि बनाई जाएगी। चूँकि परीक्षण में एक्स-रे का उपयोग किया जाता है, इसलिए इसमें आप थोड़ी मात्रा में विकिरण के संपर्क में आते/ती हैं। यह परीक्षण बेहोश किए (सेडेशन) बिना किया जा सकता है। यदि पॉलिप्स या कोई अन्य परिवर्तन देखे जाते हैं तो आपको कोलोनोस्कोपी की आवश्यकता होगी। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि परीक्षण के लिए ऊतक को निकाला जा सके।
अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करना
इस बारे में अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें कि कौन से स्क्रीनिंग परीक्षण आपके लिए सबसे अच्छे हो सकते हैं। प्रत्येक परीक्षण के सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष होते हैं। किन्तु कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका कौन सा परीक्षण है, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जाँच कराएँ। यदि स्क्रीनिंग के दौरान प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता चल जाता है तो इसका उपचार करना आसान है। और उपचार के अच्छी तरह से काम करने की अधिक संभावना होती है। रूटीन स्क्रीनिंग परीक्षणों से भी कैंसर की रोकथाम की जा सकती है।
यदि आपका कोलोनोस्कोपी के अलावा कोई अन्य स्क्रीनिंग परीक्षण हुआ है और परीक्षण के असामान्य परिणाम आए हैं तो आपको कोलोनोस्कोपी के साथ फॉलो-अप करने की आवश्यकता होगी। इसे स्क्रीनिंग कॉलोनोस्कोपी नहीं माना जाएगा। आपका कटौती योग्य और सह-भुगतान लागू हो सकता है। अपने स्वास्थ्य बीमाकर्ता से जाँच करें ताकि आप जानें कि क्या अपेक्षा करनी है।
अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से अपने जोखिम के स्तर के बारे में पूछें। यदि आपको इस कैंसर का अधिक जोखिम है तो आपको एक भिन्न शेड्यूल पर स्क्रीन कराने की आवश्यकता हो सकती है। ऐसा स्क्रीनिंग प्लान जो आपके लिए सर्वोत्तम हो उसके बारे में तय करने के लिए अपने स्वास्थ्य इतिहास के बारे में अपने प्रदाता से बात करें।