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महिलाओं में मूत्र पथ के संक्रमण

मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) ज्यादातर बैक्टीरिया के कारण होते हैं। ये बैक्टीरिया मूत्र पथ में प्रवेश कर जाते हैं। बैक्टीरिया शरीर के अंदर से आ सकते हैं। या वे मलाशय या योनि के बाहर की त्वचा से मूत्रमार्ग में जा सकते हैं। महिला की शरीर-रचना आंत्र में से बैक्टीरिया के लिए महिला के मूत्र पथ में प्रवेश करना आसान बनाता है। यह UTI का सबसे आम स्रोत है। इसका अर्थ है कि महिलों में पुरुषों की तुलना में अधिक बार UTI होता है। मूत्र पथ में या उसके आसपास दर्द होना UTI का एक सामान्य लक्षण है।

अधिकांश UTI का उपचार एंटीबायोटिक्स से किया जाता है। ये बैक्टीरिया को मार देते हैं। आपको उन्हें लेने की अवधि संक्रमण के प्रकार पर निर्भर करती है। यह 3 दिन जितनी छोटी हो सकती है। यदि पुनरावर्ती UTI होता है तो आपको कई महीनों तक कम खुराक वाले एंटीबायोटिक की आवश्यकता हो सकती है। एंटीबायोटिक्स को ठीक निर्देश दिए गए अनुसार लें। जब तक सारी दवा खत्म न हो जाए, तब तक इन्हें लेना बंद न करें। यदि आप बहुत जल्दी एंटीबायोटिक लेना बंद कर देते/ती हैं तो हो सकता है कि संक्रमण दूर न हो। आपमें एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोध भी विकसित हो सकता है। इससे भविष्य में इसका उपचार करना बहुत कठिन हो सकता है।

घर पर देखभाल

नीचे दिए गए जीवनशैली संबंधी परिवर्तन आपकी UTI से छुटकारा पाने में सहायता करेंगे। वे भविष्य के UTI को रोकने में भी सहायता कर सकते हैं:

  • अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें। इसमें पानी, जूस या अन्य कैफीन-मुक्त पेय शामिल हैं। तरल पदार्थ आपके शरीर में से बैक्टीरिया को धो कर बाहर निकालने में सहायता करते हैं।

  • अपने मूत्राशय को खाली करें। जब भी आपको पेशाब करने की इच्छा हो तो हमेशा अपना ब्लैडर खाली करें। और हमेशा सोने से पहले पेशाब करें। आपके मूत्राशय में ठहरा हुआ मूत्र संक्रमण का कारण बन सकता है। यौनक्रिया से पहले और बाद में भी पेशाब करने की कोशिश करें।

  • अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता का अभ्यास करें। टॉयलेट का उपयोग करने के बाद अपने आप को आगे से पीछे की ओर पोंछें। इससे बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग में जाने से रोकने में सहायता मिलती है।

  • यौनक्रिया के दौरान कंडोम का उपयोग करें। ये यौन संचारित बैक्टीरिया के कारण होने वाले UTI को रोकने में सहायता करते हैं। साथ ही यौनक्रिया के दौरान शुक्राणुनाशकों का उपयोग न करें। वे UTI के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसके बजाय जन्म नियंत्रण के अन्य रूपों को चुनें। जिन महिलाओं को यौनक्रिया के बाद UTI हो जाते हैं, उनके लिए निवारक एंटीबायोटिक की एक कम खुराक का उपयोग किया जा सकता है। इस विकल्प पर अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ चर्चा करना सुनिश्चित करें।

  • क्रैनबेरी टैबलेट और D-मैनोज जैसे होलिस्टिक अनुपूरकों का प्रयास करें। इनसे UTI को रोकने में सहायता मिल सकती है।

  • टॉपिकल वजाइनल एस्ट्रोजन का प्रयास करें। यदि आप रजोनिवृत्ति से गुजर चुकी हैं तो आप UTI को रोकने में सहायता के लिए इसका उपयोग कर सकती हैं।

फॉलो-अप देखभाल

सलाह दिए गए अनुसार अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ फॉलो अप करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संक्रमण साफ हो गया है, वह परीक्षण कर सकता/ती है। यदि आवश्यक हो तो उपचार आरंभ किया जा सकता है।

चिकित्सा सलाह कब लें

इनमें से कोई भी होने पर तुरंत अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को कॉल करें:

  • बार-बार पेशाब आना

  • पेशाब करते समय दर्द या जलन

  • 100.4ºF (38ºC) या उससे अधिक बुखार या जैसा आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा निर्देशित किया गया हो

  • पेशाब काला, बादलों के रंग का या लाल रंग का दिखता है। इसका यह अर्थ हो सकता है कि पेशाब में खून है।

  • पेशाब से बदबू आती है

  • पेशाब न करने पर भी दर्द महसूस होना

  • थकान

  • नाभी के नीचे पेट के (एब्डोमेन) क्षेत्र में या पीठ या बगल में, पसलियों के नीचे दर्द होना

  • मतली अथवा उलटी आना

  • पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है, लेकिन पेशाब की थोड़ी सी मात्रा ही निकलती है

  • जघनास्थि (प्यूबिक बोन) के ऊपर असहज दबाव

  • भ्रमित या बहुत थका हुआ महसूस करना (बुजुर्ग वयस्कों में)

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